Friday, November 1, 2019

UN ने भारत में 'फीड अवर फ्यूचर’ अभियान की शुरुआतकी

 

कुपोषण भारत ही नहीं दुनिया की एक बड़ी समस्या है. इससे निपटने हेतु हम सभी को मिलकर कारगर कदम उठाने होंगे. कुपोषण के लेकर समाज में जागरुकता फैलाने तथा लोगों की सोच बदलने की जरूरत है.


संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) नेभारत में भूख और कुपोषण के विरुद्ध जागरुकता लाने तथाकदम उठाने के उद्देश्य से सिनेमा के लिए विज्ञापन अभियान ‘फीड अवर फ्यूचर’ की शुरूआत की है. इस समारोह का आयोजन फेसबुक के साथ साझेदारी में हुआ.

विज्ञापन अभियान ‘फीड अवर फ्यूचर’ ने यूएफओ मूवीज़ के साथ मिलकर लॉन्च किया है, जो भारत में सिनेमा के सबसे बड़े विज्ञापन प्लेटफॉर्म में से एक है. डब्ल्यूएफपी का मानना है कि इस विज्ञापन अभियान से उन्हें भारतीयों में शून्य भूख के संदेश को फैलाने में सहायता मिलेगी.
क्या है 'फीड अवर फ्यूचर' अभियान?
यह भूख और कुपोषण के खिलाफ विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा शुरू किया गया एक विज्ञापन अभियान है. यह विज्ञापन वास्तविकता को दिखाता है जो विश्वभर में लाखों लोग सामना कर रहे है. यह यूएफओ मूवीज़ और डब्ल्यूएफपी के सहयोग से पिछले अभियान की सफलता पर आधारित है. यह भारत में भूख और कुपोषण के अहम मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने के योग्य है तथा दर्शकों के साथ इसका समर्थन करेगा.
विज्ञापन से पता चलता है कि जब बच्चों की आवाज़ें भूख के कारण खामोश हो जाती हैं तो विश्व को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. इसका मार्मिक वृतांत सीरियन शरणार्थी बच्चों के समूह को देखता है जो स्थानीय समुदाय से चुने गए मलबे में खेलते हैं तथा स्पष्ट युद्ध क्षेत्र में बमबारी वाली इमारतों से बाहर निकलते हैं.
यह संयुक्त राष्ट्र के खाद्य सहायता शाखा है. यह भूखमरी को समाप्त करने हेतु तथा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विश्व का सबसे बड़ा मानवीय संगठन है. यह संगठन संयुक्त राष्ट्र विकास समूह का सदस्य है और इसकी कार्यकारी समिति का अध्यक्ष है. विश्व खाद्य कार्यक्रम की स्थापना साल 1961 में की गयी थी.

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